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ऋग्वेद मण्डल - 6 के सूक्त 74 के मन्त्र
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  • ऋग्वेद - मण्डल 6/ सूक्त 74/ मन्त्र 2
    ऋषिः - भरद्वाजो बार्हस्पत्यः देवता - सोमारुद्रौ छन्दः - त्रिष्टुप् स्वरः - धैवतः

    सोमा॑रुद्रा॒ वि वृ॑हतं॒ विषू॑ची॒ममी॑वा॒ या नो॒ गय॑मावि॒वेश॑। आ॒रे बा॑धेथां॒ निर्ऋ॑तिं परा॒चैर॒स्मे भ॒द्रा सौ॑श्रव॒सानि॑ सन्तु ॥२॥

    स्वर सहित पद पाठ

    सोमा॑रुद्रा । वि । वृ॒ह॒त॒म् । विषू॑चीम् । अमी॑वा । या । नः॒ । गय॑म् । आ॒ऽवि॒वेश॑ । आ॒रे । बा॒धे॒था॒म् । निःऽऋ॑तिम् । प॒रा॒चैः । अ॒स्मे इति॑ । भ॒द्रा । सौ॒श्र॒व॒सानि॑ । स॒न्तु॒ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    सोमारुद्रा वि वृहतं विषूचीममीवा या नो गयमाविवेश। आरे बाधेथां निर्ऋतिं पराचैरस्मे भद्रा सौश्रवसानि सन्तु ॥२॥

    स्वर रहित पद पाठ

    सोमारुद्रा। वि। वृहतम्। विषूचीम्। अमीवा। या। नः। गयम्। आऽविवेश। आरे। बाधेथाम्। निःऽऋतिम्। पराचैः। अस्मे इति। भद्रा। सौश्रवसानि। सन्तु ॥२॥

    ऋग्वेद - मण्डल » 6; सूक्त » 74; मन्त्र » 2
    अष्टक » 5; अध्याय » 1; वर्ग » 18; मन्त्र » 2

    Translation [अन्वय - स्वामी दयानन्द] - O king and physician ! who are creators of happiness like the Soma and other herbs and Prana, expel the disease like cholera etc., which has entered into our dwelling or our progeny. Keep away from us, the bad policy, which is giver of misery and which is followed by our wicked enemies, so that many prosperous means of sustenance be ours.

    Commentator's Notes [पदार्थ - स्वामी दयानन्द] -
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    Purport [भावार्थ - स्वामी दयानन्द] - By the efforts of those kings and physicians, who drive away diseases even before they enter our bodies and keep away bad-policy and bad-diet before hand, by their labor. Let all men attain health, wealth and food grains in abundance.

    Foot Notes - (सोमारुद्रा) ओषधिप्राणवत्सुखसम्पादकौ Bestowers of happiness like Soma and other herbs or plants and Prana. (गयम्) गृहम् अपत्यं वा । गय इति गृहनाम (NG 3, 4) गय इतिधन नाम (NG 2, 10 ) गय इत्यपत्यनाम (NG 2, 2) = Home or progeny. (निऋतिम्) दुःखप्रदां कुनवीतिम् । निऋयतिः कृच्छांयत्तिः निरमतेः ऋच्छेतनिर्धतिरि (NKT 2, 2, 9) । = Bad-policy which is giver of misery.

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