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सामवेद के मन्त्र
सामवेद - मन्त्रसंख्या 1211
ऋषिः - अहमीयुराङ्गिरसः
देवता - पवमानः सोमः
छन्दः - गायत्री
स्वरः - षड्जः
काण्ड नाम -
4
पु꣡रः꣢ स꣣द्य꣢ इ꣣त्था꣡धि꣢ये꣣ दि꣡वो꣢दासाय꣣ श꣡म्ब꣢रम् । अ꣢ध꣣ त्यं꣢ तु꣣र्व꣢शं꣣ य꣡दु꣢म् ॥१२११॥
स्वर सहित पद पाठपु꣡रः꣢꣯ । स꣣द्यः꣢ । स꣣ । द्यः꣢ । इ꣣त्था꣡धि꣢ये । इ꣣त्था꣢ । धि꣣ये । दि꣡वो꣢꣯दासाय । दि꣡वः꣢꣯ । दा꣣साय । श꣡म्ब꣢꣯रम् । शम् । ब꣣रम् । अ꣡ध꣢꣯ । त्यम् । तु꣣र्व꣡श꣢म् । य꣡दु꣢꣯म् ॥१२११॥
स्वर रहित मन्त्र
पुरः सद्य इत्थाधिये दिवोदासाय शम्बरम् । अध त्यं तुर्वशं यदुम् ॥१२११॥
स्वर रहित पद पाठ
पुरः । सद्यः । स । द्यः । इत्थाधिये । इत्था । धिये । दिवोदासाय । दिवः । दासाय । शम्बरम् । शम् । बरम् । अध । त्यम् । तुर्वशम् । यदुम् ॥१२११॥
सामवेद - मन्त्र संख्या : 1211
(कौथुम) उत्तरार्चिकः » प्रपाठक » 5; अर्ध-प्रपाठक » 1; दशतिः » ; सूक्त » 6; मन्त्र » 2
(राणानीय) उत्तरार्चिकः » अध्याय » 9; खण्ड » 5; सूक्त » 1; मन्त्र » 2
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(कौथुम) उत्तरार्चिकः » प्रपाठक » 5; अर्ध-प्रपाठक » 1; दशतिः » ; सूक्त » 6; मन्त्र » 2
(राणानीय) उत्तरार्चिकः » अध्याय » 9; खण्ड » 5; सूक्त » 1; मन्त्र » 2
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विषय - काम-क्रोध-लोभ का नाश
पदार्थ -
(पुरः सद्यः) = सामने ही शीघ्र ही (इत्थाधिये) = [इत्थेति सत्यनाम – नि० १०.५; धी:-कर्म-प्रज्ञानि० २.२१] सत्यकर्मा, सत्यज्ञानवाले पुरुष के लिए (दिवोदासाय) = उस प्रकाशमय प्रभु के दास के लिए (शंबरम्) = शान्ति के निवारण करनेवाले क्रोधरूप मानसभाव को यह सोम [अवाहन्] नष्ट करता है। सोम की रक्षा के लिए १. सत्कर्मों में लगे रहना, २. सत्यज्ञान को प्राप्त करना, उत्तमोत्तम पुस्तकों का स्वाध्याय करना, तथा ३. प्रभु का उपासक बनना—ये तीन मुख्य साधन हैं। इन साधनों से सुरक्षित हुआ-हुआ सोम हमारे क्रोध को नष्ट करता है। क्रोध उसी पुरुष को आता है जिसमें शक्ति की कमी हो। (अध त्यं तुर्वशम्) = अब इस त्वरा से अपने वश में कर लेनेवाले काम को [अवाहन्] नष्ट करता है। जितना-जितना मनुष्य सोम-रक्षा में समर्थ नहीं होता उतना-उतना ही अधिक कामासक्त होता जाता है। इस काम के अतिरिक्त (यदुम्) = [इतरधनाय यतते तम्— ऋ० १.३६.१८ द०] निरन्तर औरों के भाग को हड़पने का यत्न करनेवाली लोभरूप वृत्ति को भी नष्ट करता है ।
भावार्थ -
सत्कर्म प्रवृत्ति, सत्यज्ञानरुचि, तथा प्रभुभक्ति से हम सोम की रक्षा करते हैं । यह सुरक्षित सोम काम-क्रोध-लोभ को हमपर अधिकार नहीं करने देता।
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