Loading...

मन्त्र चुनें

  • यजुर्वेद का मुख्य पृष्ठ
  • यजुर्वेद - अध्याय 18/ मन्त्र 7
    ऋषिः - देवा ऋषयः देवता - प्रजापतिर्देवता छन्दः - भुरितिजगती स्वरः - निषादः
    0

    य॒न्ता च॑ मे ध॒र्त्ता च॑ मे॒ क्षेम॑श्च मे॒ धृति॑श्च मे॒ विश्वं॑ च मे॒ मह॑श्च मे सं॒विच्च॑ मे॒ ज्ञात्रं॑ च मे॒ सूश्च॑ मे प्र॒सूश्च॑ मे॒ सीरं॑ च मे॒ लय॑श्च मे य॒ज्ञेन॑ कल्पन्ताम्॥७॥

    स्वर सहित पद पाठ

    य॒न्ता। च॒। मे॒। ध॒र्त्ता। च॒। मे॒। क्षेमः॑। च॒। मे॒। धृतिः॑। च॒। मे॒। विश्व॑म्। च॒। मे॒। महः॑। च॒। मे॒। सं॒विदिति॑ स॒म्ऽवित्। च॒। मे॒। ज्ञात्र॑म्। च॒। मे॒। सूः। च॒। मे॒। प्र॒सूरिति॑ प्र॒ऽसूः। च॒। मे॒। सीर॑म्। च॒। मे॒। लयः॑। च॒। मे॒। य॒ज्ञेन॑। क॒ल्प॒न्ता॒म् ॥७ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    यन्ता च मे धर्ता च मे क्षेमश्च मे धृतिश्च मे विश्वञ्च मे महश्च मे सँविच्च मे ज्ञात्रञ्च मे सूश्च मे प्रसूश्च मे सीरञ्च मे लयश्च मे यज्ञेन कल्पन्ताम् ॥


    स्वर रहित पद पाठ

    यन्ता। च। मे। धर्त्ता। च। मे। क्षेमः। च। मे। धृतिः। च। मे। विश्वम्। च। मे। महः। च। मे। संविदिति सम्ऽवित्। च। मे। ज्ञात्रम्। च। मे। सूः। च। मे। प्रसूरिति प्रऽसूः। च। मे। सीरम्। च। मे। लयः। च। मे। यज्ञेन। कल्पन्ताम्॥७॥

    यजुर्वेद - अध्याय » 18; मन्त्र » 7
    Acknowledgment

    Meaning -
    May my leader and well-controlled possessions, my supporters and accepted truths, my protection and protector, my finances and toleration, my world and obedience to its laws, my mighty deeds and fair dealings, my determination and knowledge, my understanding and objects worth knowing, my impulses and thoughts, my propagation and eugenics, my plough and cultivators, my concentration and learning, prosper by following noble principles.

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top