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यजुर्वेद अध्याय - 39

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  • यजुर्वेद - अध्याय 39/ मन्त्र 7
    ऋषिः - दीर्घतमा ऋषिः देवता - मरुतो देवताः छन्दः - भुरिग्गायत्री स्वरः - षड्जः
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    उ॒ग्रश्च॑ भी॒मश्च॒ ध्वान्तश्च॒ धुनि॑श्च।सा॒स॒ह्वाँश्चा॑भियु॒ग्वा च॑ वि॒क्षिपः॒ स्वाहा॑॥७॥

    स्वर सहित पद पाठ

    उ॒ग्रः। च॒। भी॒मः। च॒। ध्वा᳖न्त॒ इति॒ धुऽआ॑न्तः। च॒। धुनिः॑। च॒ ॥ सा॒स॒ह्वान्। स॒स॒ह्वानिति॑ सस॒ह्वान्। च॒। अ॒भि॒यु॒ग्वेत्य॑भिऽयु॒ग्वा। च॒। वि॒क्षिप॒ इति॑ वि॒क्षिपः॑। स्वाहा॑ ॥७ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    उग्रश्च भीमश्च ध्वान्तश्च धुनिश्च । सासह्वाँश्चाभियुग्वा च विक्षिपः स्वाहा ॥


    स्वर रहित पद पाठ

    उग्रः। च। भीमः। च। ध्वान्त इति धुऽआन्तः। च। धुनिः। च॥ सासह्वान्। ससह्वानिति ससह्वान्। च। अभियुग्वेत्यभिऽयुग्वा। च। विक्षिप इति विक्षिपः। स्वाहा॥७॥

    यजुर्वेद - अध्याय » 39; मन्त्र » 7
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    पदार्थ -
    दैवी सम्पत्तिवालों का जन्म गतमन्त्र का विषय था। जो उस दैवी सम्पत्ति को प्राप्त नहीं कर पाये और उसके स्थान में आसुरी संपत्ति को लेकर जिनका जन्म होता है वे १. (उग्रः च) = बड़े उग्र स्वभाववाले होते हैं। ये निर्दयी व कठोर होते हैं। बड़े क्रोधी स्वभाव के होते है । २. (भीम: च) = समाज के लिए ये बड़े भय का कारण होते हैं। इनकी दुर्जनता सज्जनों के निवास को भयपूर्ण बना देती है। इनके कारण सज्जनों के लिए प्रतिक्षण संकट की आशंका बनी रहती है। ३. (ध्वान्तः च) = इनका जीवन अन्धकारमय होता है। अथवा 'ध्वन शब्दे' ये सदा शोर-शराबा मचाये रखते हैं। ये पति-पत्नी भी सदा लड़ाई-झगड़े का जीवन बिताते हैं lead a cat and dog life. ४. (धुनिः च) = ये औरों को अपनी दुष्टता से कम्पित करनेवाले होते हैं। ५. (सासह्वाँन् च) = ये निरन्तर औरों का पराभव करनेवाले-औरों को कुचलनेवाले होते हैं । घात - पात में प्रवृत्त रहते हैं । ६. (अभियुग्वा च) = ये अपने दायें-बायें सभी ओर आक्रमण करनेवाले चारों ओर आतंक फैलानेवाले होते हैं। ७. (विक्षिप:) = [वि- क्षिप] ये विक्षिप्त-सी मनोवृत्तिवाले होते हैं। इनमें केन्द्रित बुद्धि का प्रश्न ही नहीं होता। सैकड़ों आशाजालों से बद्ध ये पुरुष होते हैं। 'यह मिल गया और यह मिल जाएगा' इसी प्रकार ये विक्षिप्त वृत्तिवाले बने रहते हैं। अन्ततः ये आधे पागल से हो जाते हैं। (स्वाहा) = यह यथार्थ वर्णन है।

    भावार्थ - भावार्थ- आसुरी सम्पत्तिवाले 'उग्रस्वभाव के, लोक-भयंकर, अज्ञानी, औरों को कम्पित करनेवाले, दूसरों को कुचलनेवाले, उनपर आक्रमण करनेवाले व विक्षिप्त से' होते हैं।

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