Loading...
अथर्ववेद > काण्ड 16 > सूक्त 1

काण्ड के आधार पर मन्त्र चुनें

  • अथर्ववेद का मुख्य पृष्ठ
  • अथर्ववेद - काण्ड 16/ सूक्त 1/ मन्त्र 8
    सूक्त - प्रजापति देवता - साम्नी पङ्क्ति छन्दः - अथर्वा सूक्तम् - दुःख मोचन सूक्त

    यो व॑ आपो॒ऽग्निरा॑वि॒वेश॒ स ए॒ष यद्वो॑ घो॒रं तदे॒तत् ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    य: । व॒: । आ॒प॒: । अ॒ग्नि: । आ॒ऽवि॒वेश॑ । स: । ए॒ष: । यत् । व॒: । घो॒रम् । तत् । ए॒तत् ॥१.८॥


    स्वर रहित मन्त्र

    यो व आपोऽग्निराविवेश स एष यद्वो घोरं तदेतत् ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    य: । व: । आप: । अग्नि: । आऽविवेश । स: । एष: । यत् । व: । घोरम् । तत् । एतत् ॥१.८॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 16; सूक्त » 1; मन्त्र » 8

    भाषार्थ -
    (आपः) हे शारीरिक द्रवो! (वः) तुम में (यः अग्निः) जो अग्नि (आ विवेश) प्रविष्ट हुई है (सः) वह (एषः) यह अशुभ अग्नि है, (वः) तुम में (यद्) जो (घोरम्) घातक अंश प्रविष्ट हुआ है (तद्) वह (एतत्) यह है।

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top