Loading...

मन्त्र चुनें

  • यजुर्वेद का मुख्य पृष्ठ
  • यजुर्वेद - अध्याय 18/ मन्त्र 16
    ऋषिः - देवा ऋषयः देवता - अग्नदिविद्याविदात्मा देवता छन्दः - निचृदतिशक्वरी स्वरः - पञ्चमः
    0

    अ॒ग्निश्च॑ म॒ऽइन्द्र॑श्च मे॒ सोम॑श्च म॒ऽइ॒न्द्र॑श्च मे सवि॒ता च॑ म॒ऽइन्द्र॑श्च मे॒ सर॑स्वती च म॒ऽइन्द्र॑श्च मे पू॒षा च॑ म॒ऽइन्द्र॑श्च मे॒ बृह॒स्पति॑श्च म॒ऽइन्द्र॑श्च मे य॒ज्ञेन॑ कल्पन्ताम्॥१६॥

    स्वर सहित पद पाठ

    अ॒ग्निः। च॒। मे॒। इन्द्रः॑। च॒। मे॒। सोमः॑। च॒। मे॒। इन्द्रः॑। च॒। मे॒। स॒वि॒ता। च॒। मे॒। इन्द्रः॑। च॒। मे॒। सर॑स्वती। च॒। मे॒। इन्द्रः॑। च॒। मे॒। पू॒षा। च॒। मे॒। इन्द्रः॑। च॒। मे॒। बृह॒स्पतिः॑। च॒। मे॒। इन्द्रः॑। च॒। मे॒। य॒ज्ञेन॑। क॒ल्प॒न्ता॒म् ॥१६ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    अग्निश्च मऽइन्द्रश्च मे सोमश्च मऽइन्द्रश्च मे सविता च मऽइन्द्रश्च मे सरस्वती च मऽइन्द्रश्च मे पूषा च मऽइन्द्रश्च मे बृहस्पतिश्च मऽइन्द्रश्च मे यज्ञेन कल्पन्ताम् ॥


    स्वर रहित पद पाठ

    अग्निः। च। मे। इन्द्रः। च। मे। सोमः। च। मे। इन्द्रः। च। मे। सविता। च। मे। इन्द्रः। च। मे। सरस्वती। च। मे। इन्द्रः। च। मे। पूषा। च। मे। इन्द्रः। च। मे। बृहस्पतिः। च। मे। इन्द्रः। च। मे। यज्ञेन। कल्पन्ताम्॥१६॥

    यजुर्वेद - अध्याय » 18; मन्त्र » 16
    Acknowledgment

    Translation -
    May my adorable Lord (Agni) and my resplendent Lord (Indra), my blissful Lord (Soma) and my resplendent, my Creator Lord (Savitr) and my resplendent, my Speech (Sarasvati) and my resplendent, my nourisher Lord (Pusan) and my resplendent, my Lord supreme (Brhaspati) and my resplendent Lord be secured by means of sacrifice. (Different attributive names of the same Indra). (1)

    इस भाष्य को एडिट करें
    Top