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अथर्ववेद के काण्ड - 8 के सूक्त 6 के मन्त्र
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  • अथर्ववेद - काण्ड {"suktas":143,"mantras":958,"kand_no":20}/ सूक्त 6/ मन्त्र 19
    ऋषिः - मातृनामा देवता - मातृनामा अथवा मन्त्रोक्ताः छन्दः - अनुष्टुप् सूक्तम् - गर्भदोषनिवारण सूक्त
    34

    ये अ॒म्नो ज॒तान्मा॒रय॑न्ति॒ सूति॑का अनु॒शेर॑ते। स्त्रीभा॑गान्पि॒ङ्गो ग॑न्ध॒र्वान्वातो॑ अ॒भ्रमि॑वाजतु ॥

    स्वर सहित पद पाठ

    ये । अ॒म्न: । जा॒तान् । मा॒रय॑न्ति । सूति॑का: । अ॒नु॒ऽशेर॑ते । स्त्रीऽभा॑गान् । पि॒ङ्ग: । ग॒न्ध॒र्वान् । वात॑: । अ॒भ्रम्ऽइ॑व । अ॒ज॒तु॒ ॥६.१९॥


    स्वर रहित मन्त्र

    ये अम्नो जतान्मारयन्ति सूतिका अनुशेरते। स्त्रीभागान्पिङ्गो गन्धर्वान्वातो अभ्रमिवाजतु ॥

    स्वर रहित पद पाठ

    ये । अम्न: । जातान् । मारयन्ति । सूतिका: । अनुऽशेरते । स्त्रीऽभागान् । पिङ्ग: । गन्धर्वान् । वात: । अभ्रम्ऽइव । अजतु ॥६.१९॥

    अथर्ववेद - काण्ड » 8; सूक्त » 6; मन्त्र » 19
    Acknowledgment

    हिन्दी (4)

    विषय

    गर्भ की रक्षा का उपदेश।

    पदार्थ

    (ये) जो (अम्नः) पीड़ा देनेवाले (जातान्) उत्पन्न बालकों को (मारयन्ति) मार डालते हैं और (सूतिकाः) सोहरवाली स्त्रियों को (अनुशेरते) अप्रिय करते हैं। (पिङ्गः) पराक्रमी पुरुष (स्त्रीभागान्) स्त्रियों के सेवन करनेवाले, (गन्धर्वान्) [उन] दुःखदायी पीड़ा देनेवालों को (अजतु) हटा देवे, (इव) जैसे (वातः) वायु (अभ्रम्) अभ्र [मेघ] को ॥१९॥

    भावार्थ

    जिन रोगों से बच्चे मर जाते हैं और स्त्रियों को प्रसूतिरोग हो जाते हैं, वैद्य उनको सर्वथा हटावे ॥१९॥

    टिप्पणी

    १९−(ये) (अम्नः) धापॄवस्य०। उ० ३।६। अम-पीडने-न प्रत्ययः, जसः सुः। अम्नाः पीडका रोगाः (जातान्) उत्पन्नान् बालकान् (मारयन्ति) विनाशयन्ति (सूतिकाः) षूङ् प्राणिप्रसवे-क्त, कन्, अत इत्वम्। नवप्रसूताः स्त्रीः (अनुशेरते) अनुपूर्वः शीङ् अनुशये, अत्यन्तद्वेषे। अत्यन्तं द्विषन्ति (स्त्रीभागान्) स्त्रीसेवनान् (पिङ्गः) म० ६। पराक्रमी पुरुषः (गन्धर्वान्) अ० २।१।२। गन्ध अर्दने-अच्+अर्व हिंसायाम्-अच्। शकन्ध्वादित्वात् पररूपम्। दुःखदायिनश्च ते पीडकाश्च ते तान् दुःखदायिपीडकान् (वातः) वायुः (अभ्रम्) अप्+भृ-क, यद्वा अभ्र गतौ-क। मेघम् (इव) (अजतु) क्षिपतु ॥

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    विषय

    स्त्रीभागान् गन्धर्वान्

    पदार्थ

    १. (ये) = जो कृमि (अम्नः जातान्) = अर्धात्पन्न गर्थों को (मारयन्ति) = नष्ट कर डालते हैं[अम्र: अबोध-अमन्]। (सूतिका: अनुशेरते) = अभिनवप्रसवा स्त्रियों के साथ शयन [निवास] करते हैं, उन (गन्धर्वान्) = [गन्ध अर्दनम्, अर्व हिंसायाम्] पीड़ित व हिंसन करनेवाले (स्त्रीभागान्) = [स्त्रीयः भागो येषाम्] स्त्रियों को पकड़नेवाले कृमियों को (पिङ्गः) = गौर सर्षप इसप्रकार (अजतु) = दूर फेंक दे, (इव) = जैसेकि (वातः अभ्रम) = वायु बादल को सुदूर फेंक देती है।

    भावार्थ

    गर्भिणियों को पीड़ित करनेवाले व अर्धविकसित बालकों को नष्ट करनेवाले कृमियों को गौर सर्षप विनष्ट करे।

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    भाषार्थ

    (ये) जो (अम्नः जातान्) रुग्णावस्था में पैदा हुए शिशुओं को (मारयन्ति) मार देते हैं, तथा (सूतिका) अभिनव प्रसवा स्त्रियों के (अनु शेरते) संग शयन करते हैं, (स्त्रीभागान्) स्त्रीसेवी उन (गन्धर्वान्) सुगन्ध लगाए हिंसकों को (पिङ्गः) पिङ्ग [मन्त्र २१] पुरुष (अजतु) सामाजिक जीवन से प्रक्षिप्त करदे, पृथक् करके (इव) जैसे कि (वातः) प्रबल वायु (अभ्रम्) मेघ को अन्तरिक्ष से पृथक् कर देती है।

    टिप्पणी

    [गन्धर्वान्= गन्ध + अर्व (हिंसायाम्, भ्वादिः)। अम्नः= अम रोगे (चुरादिः)]।

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    विषय

    कन्या के लिये अयोग्य और वर्जनीय वर और स्त्रियों की रक्षा।

    भावार्थ

    (ये) जो दुष्ट, कामी लोग (अम्नः) एक साथ उत्पन्न या अचेत, अबोध, नन्हें, बेखबर या मन के प्रतिकूल (जातान्) उत्पन्न हुए बच्चों को (मारयन्ति) मार डालते हैं और जो कामी लोग (सूतिकाः) नवप्रसूता स्त्रियों के साथ (अनुशेरते) संग करते हैं (तान्) उन (स्त्रीभागान्) स्त्रीसेवी, व्यभिचारी (गन्धर्वान्) लुच्चों को (पिंगः) बलवान् राजा (वातः अभ्रम् इव) वायु जिस प्रकार बादलों को छिन्न भिन्न कर देता है उसी प्रकार (अजतु) धुन डाले,कठिन यातनाएं दे देकर उनको धुन डाले, उनकी बोटी बोटी कटवा डाले।

    टिप्पणी

    missing

    ऋषि | देवता | छन्द | स्वर

    मातृनामा ऋषिः। मातृनामा देवता। उत मन्त्रोक्ता देवताः। १, ३, ४-९,१३, १८, २६ अनुष्टुभः। २ पुरस्ताद् बृहती। १० त्र्यवसाना षट्पदा जगती। ११, १२, १४, १६ पथ्यापंक्तयः। १५ त्र्यवसाना सप्तपदा शक्वरी। १७ त्र्यवसाना सप्तपदा जगती॥

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    इंग्लिश (4)

    Subject

    Foetus Protection

    Meaning

    The violent killers that destroy the new boms, or pollute the maternity home or the woman’s generative system, let Pinga drive away such pollutants like the wind driving away the clouds.

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    Translation

    They, who kill the half-born babies, and who sleep by the recently delivered women, may the pinga chase those women-seeking scented ones (gandharva), as the wind chases a cloud.

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    Translation

    Let the Pinga plant drive away those germs which kill the newly born children and which stay in the rooms where delivery of child has taken place, which make their place in ovaries Of woman and are very harmful, like the wind which drives away cloud,

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    Translation

    Those who kill infants unawares, and cohabit the new-made mothers, let the powerful king chase the amorous debauchees as wind chases cloud.

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    संस्कृत (1)

    सूचना

    कृपया अस्य मन्त्रस्यार्थम् आर्य(हिन्दी)भाष्ये पश्यत।

    टिप्पणीः

    १९−(ये) (अम्नः) धापॄवस्य०। उ० ३।६। अम-पीडने-न प्रत्ययः, जसः सुः। अम्नाः पीडका रोगाः (जातान्) उत्पन्नान् बालकान् (मारयन्ति) विनाशयन्ति (सूतिकाः) षूङ् प्राणिप्रसवे-क्त, कन्, अत इत्वम्। नवप्रसूताः स्त्रीः (अनुशेरते) अनुपूर्वः शीङ् अनुशये, अत्यन्तद्वेषे। अत्यन्तं द्विषन्ति (स्त्रीभागान्) स्त्रीसेवनान् (पिङ्गः) म० ६। पराक्रमी पुरुषः (गन्धर्वान्) अ० २।१।२। गन्ध अर्दने-अच्+अर्व हिंसायाम्-अच्। शकन्ध्वादित्वात् पररूपम्। दुःखदायिनश्च ते पीडकाश्च ते तान् दुःखदायिपीडकान् (वातः) वायुः (अभ्रम्) अप्+भृ-क, यद्वा अभ्र गतौ-क। मेघम् (इव) (अजतु) क्षिपतु ॥

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