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  • यजुर्वेद - अध्याय 20/ मन्त्र 83
    ऋषिः - गृत्समद ऋषिः देवता - अश्विनौ देवते छन्दः - निचृद्गायत्री स्वरः - षड्जः
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    ता न॒ऽआ वो॑ढमश्विना र॒यिं पि॒शङ्ग॑सन्दृशम्। धिष्ण्या॑ वरिवो॒विद॑म्॥८३॥

    स्वर सहित पद पाठ

    ता। नः॒। आ। वो॒ढ॒म्। अ॒श्वि॒ना॒। र॒यिम्। पि॒शङ्ग॑सन्दृश॒मिति॑ पि॒शङ्ग॑ऽसंदृशम्। धिष्ण्या॑। व॒रि॒वो॒विद॒मिति॑ वरिवः॒ऽविद॑म् ॥८३ ॥


    स्वर रहित मन्त्र

    ता नऽआ वोढमश्विना रयिं पिशङ्गसन्दृशम् । धिष्ण्या वरिवोविदम् ॥


    स्वर रहित पद पाठ

    ता। नः। आ। वोढम्। अश्विना। रयिम्। पिशङ्गसन्दृशमिति पिशङ्गऽसंदृशम्। धिष्ण्या। वरिवोविदमिति वरिवःऽविदम्॥८३॥

    यजुर्वेद - अध्याय » 20; मन्त्र » 83
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    पदार्थ -
    १. (ता अश्विना) = उल्लिखित प्रकार से राष्ट्र का निर्माण व रक्षण करनेवाले सभा व सेना के ईश राजाओ [शासको]! (नः) = हम सबके लिए (रयिम्) = धन व ऐश्वर्य को (आवोढम्) = सर्वत्र प्राप्त कराओ। यहाँ 'आ' शब्द प्रजा में सर्वत्र धन के उचित लाभ का उल्लेख कर रहा है। धन किसी एक व्यक्ति या कुछ व्यक्तियों में केन्द्रित हो जाए, इसकी अपेक्षा यही ठीक है कि वह धन सारे राष्ट्र- शरीर में सर्वत्र समविभक्त होकर रहे। राष्ट्र में कोई भी व्यक्ति निर्धन न हो। सभी जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त धन प्राप्त कर सकें । २. 'यह धन कैसा हो?' इस प्रश्न का विवेचन करते हुए कहते हैं कि (पिशङ्गसन्दृशम्) = [पिशङ्ग पीतं सम्यक् दृश्यते, पीतवर्णं सुवर्णम् इत्यर्थः - म० ] वह सुवर्णरूप हो। धन सुवर्ण के रूप में हो। अथवा जो धन हमारे जीवन को सुशोभित करनेवाला हो [पिश to adorn] तथा जिससे हमारा जीवन उत्तम दिखे। ३. यह धन (धिष्ण्या) = बुद्धि के साथ (वरिवोविदम्) = [येन परिचरणं विन्दति तम् - द० ] उपासना को प्राप्त करानेवाला हो, अर्थात् यह धन हमारे अन्दर ज्ञान की रुचि को कम करनेवाला न हो जाए। इस धन का विनियोग हम ज्ञानवृद्धि में ही करें तथा इस धन से हमारे अन्दर उपासना की वृत्ति बढ़े, उसमें कमी न आये। एवं धन 'ज्ञान व उपासना' का साधन बने। यह धन स्वयं साध्य बनकर ज्ञान व उपासना को समाप्त करनेवाला न हो जाए। धन को प्राप्त करके हम 'गृत्समद' बने रहें-उपासना में आनन्द का अनुभव करें। । साथ ही

    भावार्थ - भावार्थ - राजा इस बात का ध्यान करे कि प्रजा में कोई भी निर्धन न होधन को ही साध्य बनाकर कोई ज्ञान व उपासना को विलुप्त भी न कर दे। ऐसा व्यक्ति राष्ट्र के लिए हानिकर होता है।

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